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प्यार की जीत लेखनी प्रतियोगिता -25-May-2022

        " गरिमा मैं तुम्है प्यार करता हूँ। मेरे प्यार को ठुकराना मत। मेरे प्यार को तुम्हारे पंखौ की आवश्यकता है। वह तुम्हारी हाँ के कहते ही लग जायेगे।" समर गरिमा से बोला।


              "नहीं समर मै यहाँ पर कुछ बनकर अपनी विधवा माँ का सहारा बनने आई हूँ। मै यहाँ पर प्यार में जीने मरने की कसमें खाने नहीं आई हूँ। समर तुमने ऐसा समय नहीं देखा है तुम एक अमीर बाप के बेटे हो। मेरी माँ ने बहुत कुछ सहा है। उसने हमें कुछ बनाने के लिए सबके ताने सुने है और मैं उनकी इस महनत को भुलाकर यहाँ प्यारकी कसमें खाऊँ नही मै अपनी माँ के साथ  धोका नहीं कर सकती हूँ।" गरिमा ने समर को जबाब दिया।

          "गरिमा तुमने तो मुझे लम्बा चौडा़ भाषण देडाला । तुम मेरी बात को समझने की  कोशिश क्यौ नही कर रही हो।" समर  बोला।

        "समर  मैं तुम्है प्यार अवश्य करती हूँ। परन्तु कल तुम यह कहोगे कि यदि घरवाले शादी करने को तैयार नही है तो चलो भागकर शादी करलेते है। मै ऐसा कभी नहीं करूँगी।   समर प्यार तो राधा और कृष्ण ने भी किया था परन्तु उनके प्यार कही से भी अन्धा नहीं था।  कृष्ण मथुरा अकेले ही गये थे उन्हौने राधा से एकबार भी यह नही कहा कि तुम मेरे साथ चलो। इसलिए तुम भी अपनी पढा़ई पर ध्यान लगाओ। हमे भविष्य मे इसके लिए बहुत समय मिलेगा।"

        इतना कहकर गरिमा अपनी क्लास में चली गयी।

        समर और गरिमा एक ही क्लास में पढ़ते थे समर एक अमीर बाप की इकलौती सन्तान था जबकि गरिमा की माँ एक प्राईवेट स्कूल में अध्यापिका थी।  गरिमा के पापा को कैन्सर की बीमारी थी उनके इलाज में घर में बचत कियागया सब पैसा खर्च होगया था।

      गरिमा के पापा की मौत के बाद उसकी मम्मी ने यह नौकरी जाइन कीथी इससे पहले भी वह इसी स्कूल में पढाती थी। परन्तु शादी के बाद उसे यह नौकरी छोड़नी पडी़ थी।

       गरिमा के इसतरह के जबाब को सुनकर समर बहुत दुःखी होगया और उसने उसकी मम्मी से बात करने की  सोची। और एक दिन कालेज न जाकर उसकी मम्मी से मिलने उनके स्कूल पहुँचगया।

      वह उसकी मम्मी को अपना परिचय देते हुए बोला," मम्मी जी मै समीर हूँ। "

 गरिमा की मम्मी बोली," मै समझ गयी तुम समर गरिमा के साथ पढ़ते हो और उससे प्यार भी करते हो। यह सब मुझे गरिमा ने ही कल बताया था। और कल तुम दौनौ के बीच जो बात हुई थी वह भी बताया था। "

         " मम्मीजी जब आपको गरिमा ने सब बता दिया तो मुझे बस यह ही कहना है कि आप भी हमारे इस प्यार को अपनी स्वीकृति प्रदान करने का कष्ट करै।" समर अपने दौनौ हाथ जोड़कर बोला।

         " समर क्या तुमने कभी आकाश व धरती का मिलन होते देखा  है?" 

        "नहीं!"

              "  समर तुम आकाश हो और हम यह धरती है। जो आजतक मिल नही सके है और भविष्य में भी नही मिल सकते है। दूसरी बात यह है समर कि कोई भी मखमल की चादर में टाट का पैबन्द नही लगाता है यदि ऐसा कोई करभी लेता है तो यह दुनिया उसे पागल कहती है। अ तः गरिमा को भूलने में ही भलाई है।  " गरिमा की मम्मी बोली।

          " नहीं ऐसा कैसे हो सकता है कि मै उसे भूल जाऊँ।" समर बोला।

      "समर यह मिलन असम्भव है हाँ एक रास्ता है तुम अपने मम्मी पापा को छोड़कर हमारे घर आ सकते हो क्या ? शायद  कभी नहीं।"

     ऐसा कैसे हो सकता है  आखिर तो गरिमा को ही ससुराल आना होगा। " समर ने जबाब दिया।

       समर  को गरिमा की मम्मी ने बहुत समझाया कि तुम दौनौ समय की प्रतीक्षा करो और अपनी पढा़ई में ध्यान दो।

         समर उस दिन वहाँ से वापिस आगया और गरिमा से बात करना बन्द कर दिया। गरिमा भी अपनी पढा़ई मे ब्यस्त होगयी।

   गरिमा की मम्मी  ने उसे समर  से सावधान रहने के लिए समझा दिया था। और वह उसके लिए कोई लड़का देखने लगी।

   गरिमा का मामा पुलिस में था।   कुछ समय बाद गरिमा की  एम बीए   पूरी होगयी और उसे एक कम्पनी में जाब भी मिल गयी।  गरिमा की शादी की चिन्ता उसकी मम्मी को सता रही थी। इसी बीच उनको एक अच्छा परिवार मिल गया और उन्हौने उसका रिश्ता तय कर दिया।

    जब गरिमा का होने वाला पति  सुमित उससे मिलने आया तब गरिमा ने उसे समर के बिषय मे सब बता दिया। 

  सुमित यह सब सुनकर बहुत खुश हुआ कि उसने कोई बात छुपाने की कोशिश नही की।

    जब समर को उसकी एंगेजमेंट की खबर मिली वह गरिमा के घर आया और उसे धमकी देकर चला गया। गरिमा की मम्मी इससे डर गयी और उन्हौने   यह बात अपने भाई को बताया। भाई ने उस मुहल्ले की सी सी टीबी फुटेज निकलवाई और  समर के खिलाफ रिपोर्ट लिखवा दी।

    पुलिस ने समर के पापा को बुलाया और उनको वह फुटेज दिखाई और अपने बेटे को समझाने के लिए बोला। वह  अमीर हौने के बाद भी इस तरह की बातौ पर सावधानी से  सोच बिचार करते थे।

  उन्हौने सबसे पहले समर से बात की और उसे तब पता चला कि वह गरिमा से कितना प्यार करता है  उन्हौने समर को समझाया कि अस कोई लाभ नही है क्यौकि बात  नहीं बन सकती यदि वह पहले इस बिषय मे बात कर लेता  अब कोई फायदा नही है ।

      समर के पापा गरिमा के घर भी गये और अपने बेटे की तरफ से सबसे माँफी मा़गी।और शादी मे हर प्रकार से सहायता करने का बायदा कर गये।

    शादी वाला दिन भी आगया ।शादी में समर व उसके पापा भी आये थे।

    शादी में फेरौ से पहले ही दहेज पर बात बिगड़ गयी। और गरिमा ने यह शादी करने से इन्कार कर दिया। जब यह बात समर के पापा को मालूम हुई वह गरिमा की मम्मी के पास गये और गरिमा का हाथ समर के लिए माँगा।

         उधर समर भी गरिमा से मिला और उससे अपनी भूल के लिए माँफी माँगी। इस तरह बारात बापिस चलीगयी और गरिमा की शादी समर के साथ ही होगयी।

    यह सब समर के पापा के कारण ही पूरा होसका।अब समर भी खुश था और गरिमा भी।

    दैनिक प्रतियोगिता के लिए रचना।

     नरेश शर्मा " पचौरी "
    25/05/2022
 



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9 Comments

Kusam Sharma

01-Jun-2022 09:39 AM

Very nice

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Shnaya

28-May-2022 02:53 PM

बेहतरीन

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Seema Priyadarshini sahay

26-May-2022 05:14 PM

बेहतरीन रचना

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